Top Hindi Shayari, Motivational Quotes, Sad Shayari 6 January 2024

Top Hindi Shayari, Motivational Quotes, Sad Shayari  6 January 2024

नमस्कार दोस्तों आप सभी का मेरे ब्लोगस में स्वागत हैं 
उम्मीद हैं आप और  आपका परिवार खुश सकुशल होंगे 
दोस्तों आज कुछ नयी शायरी पोस्ट कर रही हूँ 
अगर मेरी पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिये 
[आपकी Sunna... Meena]
बदलते हुये जमाने ने सबको बदल डाला 
ख्वाबों और ख्यालों को भी बदल आला 
ना बदल  सका उस बेवफा को प्यार मेरा 
जिसके लिए हमने अपने आप को बदल डाला 
मौत से कह दो की हम से नाराजगी 
खत्म कर ले अब वो भी बहुत बदल गए हैं 
जिनके लिए जिया करते थे हम 
मेरे लफ्ज उस तक पहुँच जाए तो बस 
इतना कह देना हम जैसे लोग 
एक बार खो जाए तो फिर दोबारा नहीं मिलते 
भुला कर हमे वो क्या खुश रह पाएंगे 
साथ में नहीं तो मेरे जाने के बाद मुस्कुराएंगे 
दुआ है खुदा से की उन्हे कभी दर्द ना देना 
हम तो सह गए पर वो टूट जाएंगे 
मेरी खामोशीयों में भी फसाना ढूंढ लेती हैं 
बड़ी शातिर हैं ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती हैं 
हकीकत जिद किए बैठी हैं चकनाचूर करने को 
लेकिन ये आंखे फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती हैं 
तुझे चाहा तो बहुत इंतजार ना कर सके 
कट गयी उम्र किसी से प्यार ना कर सके 
तूने मांगा भी तो अपनी जुदाई मांगी 
और हम थे की तुझे इंकार ना कर सके 
एक दर्द छुपा हो सीने में 
तो मुस्कान अधूरी लगती हैं 
जाने क्यों बिन तेरे 
मुझको हर शाम अधूरी लगती हैं 
कितना फासला था हमारे दरमियान 
उन्हे हमारा मिलना जरूरी नहीं था 
हमे हमारा बिछड़ना मंजूर नहीं था 
तेरी गली में आके बदनाम हुये 
पूरे जमाने में गुमनाम हुये 
तूने वादा किया था बिछड़ेंगे ना हम 
तेरे ही प्यार में हम नीलम हुये 
तेरी यादों में खोये रहते हैं 
अब दुनिया से दूरी सी लगती हैं 
हो सके तो लौट के आ मेरे दोस्त 
तेरे बिना आब ये जिंदगी अधूरी लगती हैं 
हम ना पा सके तुझे मुद्दतों चाहने के बाद 
और किसी ने तुझे अपना 
बना लिया चंद रस्में निभाने के बाद 
दुनिया हैं पत्थर की जज़्बात नहीं समझती 
दिल में छुपी हैं जो बात नहीं समझती 
चंद तन्हा हैं तारों की बारात में भी 
दर्द ये चंद का जालिम रात नहीं समझती 
दिल तो कहता की छोड़ जाऊ ये दुनिया हमेशा 
के लिए 
फिर ख्याल आता हैं की वो नफरत किस से करेगा मेरे जाने के बाद 
ना गिला हैं कोई हालत से 
ना शिकायत हैं किसी जात से 
खुद ही सारे वर्क जुड़ा हो रहे हैं 
मेरी ज़िंदगी की किताब से
गुजारिश हमारी वह मान ना सके 
मजबूरी हमारी वह जान ना सके 
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे 
जीते जी जो हमें पहचान ना सके 
कितना फासला था हमारे दरमियान 
उन्हे हमारा मिलना जरूरी नहीं था 
हमें हमारा बिछड्ना मंजूर नहीं था 
दुनिया बहुत मतलबी हैं साथ कोई क्यों देगा 
मुफ्त का यहाँ कफन नहीं मिलता 
तो बिना गम के प्यार कौन देगा 
शिकवा तो बहुत हैं 
मगर शिकायत नहीं कर सकते 
मेरे होठों को इजाजत नहीं हैं 
तुम्हारे खिलाफ बोलने की 

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