Top Hindi Shayari, Motivational Quotes, Khamoshi Par Shayari

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खामोशी शायरी, यादें शायरी, हिन्दी शायरी, 23 मार्च 2024 

 
नमस्कार दोस्तों आप सभी का मेरे ब्लोगस में स्वागत हैं उम्मीद हैं आप लोगों को मेरी पोस्ट पसंद आएगी 
दोस्तों आज की ब्लॉग पोस्ट में कुछ खामोशी पर शायरी हैं हमारे जीवन बहुत बार ऐसे पल आते हैं जब हम 
खामोश रहते हैं और अपने दर्द को छुपाने कि कोशिश करते हैं ताकि हमारी वजह से किसी और को 
दुख न हो !!! [आपकी Sunna Meena ]

खामोश ही रहने की आदत सी हो गयी है अब तो 
तुझसे मिलते ही मुस्कुरा लेते हैं बेवजह यूंही
कोई रिश्ता तो नहीं तुझसे मेरा ए अजनबी 
पर तुझसे मिलने का मन होता हैं अक्सर यूंही 
ना जाने आजकल ये अहसास क्यों हैं 
हम खामोशी के इतने पास क्यूँ हैं 
कहने को तो जिंदगी में सबकुछ ठीक हैं 
फिर भी हम बेवजह इतने उदास क्यों हैं 
मेरी खामोशी में भी फसाना ढूंढ लेती हैं 
बड़ी शातिर हैं ये दुनिया 
मजा लेने का बहाना ढूंढ लेती हैं 
खामोश हो जा  ए दिल यहा अब तेरा काम नहीं 
लब तो कब से खामोश  हैं लब पे अब तेरा नाम नहीं 
लौट जा ए जिंदगी फिर तू अपने शहर 
इस शहर में अब तेरी कोई पहचान नहीं 
कौन कहता हैं खामोशियाँ खामोश होती हैं 
कभी खामोशीयों को खामोशी से सुनो 
खामोशियाँ वो कह देगी 
जिनकी लफ्जो में तलाश होती हैं 
खामोशीयां ही तो दिल के अलफाज बताती हैं 
आवाज़े तो बस दुनियाँ का शोर सुनती हैं 
कुच्छ बातों के मतलब थे और कुछ मतलब की बाते थी 
वो मुलकातेयाद करने पर यही सच्चाई दिखाती हैं 
ये तूफान यूं ही नहीं आया हैं 
इससे पहले इसकी दस्तक भी आयी थी 
ये मंजर जो दिख रहा हैं तेज आंधियों का 

इससे पहले यहाँ एक खामोशी छाई थी 
निगाहों में मंजिल थी गिरे और गिरकर संभलते रहे 
हवाओं ने तो बहुत कोशिश की 
मगर चिराग आंधीयों में भी जलते रहे 
जिंदगी की रेस बहुत लंबी हैं 
यहाँ ये मायने नहीं रखता आप कितना 
तेज भागते हैं मायने रखता हैं कि 
आप कितनी देर तक भाग सकते हैं 
जो मुस्कुरा रहा हैं उसे दर्द ने पाला होगा 
जो चल रहा हैं उसके पाँव में छाला होगा 
बिना संघर्ष के चमक नहीं सकता कोई इंसान 
जो जलेगा उसी दीये में उजाला होगा 
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे 
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे 
कल क्या होगा कभी मत सोचों 
क्या पता कल वक्त खौ अपनी तस्वीर बदल ले 
बेहतर से बेहतर की तलाश करो 
मिल जाये नदी तो समन्दर की तलाश करो 
टूट जाता है शीशा पत्थरकी चोट से 
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो 
ये ज़िंदगी हसीन हैं इससे प्यार करो 
अभी हैं रात तो सुबह का इंतजार करो 
वो पल भी आयेगा जिसकी ख़्वाहिश हैं आपको 
रब पर रखो भरोसा और वक्त पर एतबार करो 
क्यों नाराज होते हो मेरी इन नादां हरकतों से 
कुछ दिन कि ज़िंदगी हैं 
फिर चले जाएंगे तुम्हारे इस जहां से 
तुम खफा हो गए तो कोई खुशी ना रहेगी 
तुम्हारे बिना चिरोगों में रोशनी ना रहेगी 
क्या कहे क्या गुज़रेगी इस दिल पर 
जिंदा तो रहेंगे पर जिंदगी ना रहेगी 
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