Hindi Shayari, Ghamand Shayari, Love Shayari April 2024

हिन्दी शायरी, घमंड शायरी, गुरूर पर शायरी 2024 


नमस्कार आप सभी का मेरे ब्लोगस मेन स्वागत हैं, दोस्तों ज़िंदगी में
घमंड इंसान को पतन की और ले जाता है क्योंकि ज़िंदगी में सभी 
के साथ उतार चढ़ाव आते जाते रहते हैं इसलिए किसी भी ऐसे इंसान 
को कभी हीन भावना से नहीं देखना चाहिए ,इसलिए सभी को साथ लेकर 
चलना चाहिए , आज कुछ घमंड संबधित शायरी पोस्ट कर रही हूँ 
मुझे उम्मीद हैं आपको पसंद आएगी !!![आपकी Sunna Meena }
अक्सर ऊंचाइयों को छूने पर लोग 
अपनी वास्तविक पहचान भूल जाते हैं 
और जिस दिन अहंकार हावी होता हैं 
तब सिवाय पतन के और कुछ हांसिल नहीं होता !!!
घमंड ना करना ज़िंदगी में तकदीर 
बदलती रहती हैं , शीशा वहीं रहता हैं ,
बस तस्वीर बदलती रहती हैं !!!
वक्त और किस्मत पर कभी भी ,
घमंड मत करना साहब क्योंकि 
जब भी ये बदलते हैं तो हमारा 
सबकुछ बदल कर रख देता हैं !!!
घमंड मत करना साहब कभी वक्त ,
वजूद और विरासत पर कब खत्म हो जाएंगे 
आपको पता भी नहीं चलेगा !!!
इतना क्यों इतराते हो बुलंदियों 
पर पहुँच कर तुम अकेले थोड़ी हो आज 
आपका वक्त हैं कल हमारा भी होगा !!!
गरीब वो नहीं जो झोंपड़ी में रहता हैं 
बल्कि गरीब वो हैं जो अपनी दौलत 
का घमंड झोंपड़ी वालों को दिखाता हैं !!!
अगर ज्यादा ही घमंड हैं तो एक बार 
समशान होकर जरूर आना , वहाँ जाकर 
देखना तुमसे भी ज्यादा हैसियत वाले रख में मिले पड़े हैं !!!
लोग कीचड़ से इसलिए बचकर निकलते हैं ,
की कहीं कपड़े खराब ना हो जाये 
और कीचड़ को घमंड हो जाता हैं की लोग उनसे दर रहे हैं !!!
बड़ा गरुर था इक दरख्त के पत्तों को,
अपनी शान ओ शौकत पर , रूट बदली और हवा चली ,
तो पत्ते फड़फड़ाते नजर आए चौखट पर !!!
जीत किसके लिए हर किसके लिए 
ज़िंदगी भर ये तकरार  किसके लिए 
जो भी आया हैं वो आयेगा एक दिन 
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए !!!
आंसुओं की बुँदे हैं या आँखों की नमी हैं ,
न ऊपर आसमां न नीचे जमीं हैं 
ये कैसा मौड़ हैं ज़िंदगी का 
उसी की जरूरत हैं और उसी की कमी हैं !!!
ज़िंदगी में दो चीजों पर कभी घमंड मत करना 
पैसा और सूरत , गरीबी आते देर नहीं लगती 
और छोटा सा हादसा आपकी सूरत बिगाड़ सकता हैं !!!
ना इज्जत कम होती ना शान कम होती ,
जो बात तुमने घमंड में कहीं हैं ,
वो बात हंस के बोली होती तो तुम्हारी खूब तारीफ होती !!!
ना इतराओ इतना , बुलंदियों को छूकर 
वक्त के सिकंदर पहले भी कई हुये हैं ,
जहां होते थे कभी शहंशाह के महल ,
देखे हैं वहीं , अब उनके मकबरे बने हुये !!!
ना गुरूर हैं मुझे ना गुमान हैं,
बस खुद को इतना यकीन हैं 
आसमां में भी वही परिंदे उड़ते हैं 
पैरों तले जिनके जमीं हैं !!!
Thanks For Visiting My Blogs...Please Share This Post....

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.