🌵 ज़िंदगी और खामोशी पर राजस्थानी शायरी
(Rajasthani Shayari on Life, Silence & Pain)
✨ Introduction (भूमिका)
राजस्थानी लोग ज़्यादा बोलते नहीं,
पर जब दर्द बोलता है
तो वो शब्द नहीं, शायरी बन जाता है।
यह शायरी उन दिलों के लिए है
जो भीड़ में भी अकेले रह जाते हैं,
जो हँसते तो हैं
पर अंदर से बहुत कुछ सह जाते हैं।
यहाँ आपको मिलेगी
ज़िंदगी, खामोशी, रिश्ते, सबर और आत्मसम्मान से भरी
30 गहरी राजस्थानी शायरियाँ।
🌾 Rajasthani Shayari Collection
1.
ज़िंदगी हर किसी ने आसान बताई,
पर निभाई सबां ने चुपचाप।
जो सह गया वो मजबूत कहलायो,
जो बोल गया वो कमजोर।
2.
खामोशी ने घणो कुछ सिखायो,
जो शब्द कदे सिखा कोनी सका।
जब सब छोड़ गए साथ,
तब खुदां रो साथ मिल्यो।
3.
रिश्तां में साचाई कम,
मतलब आज ज़्यादा हो गयो।
इसीलिए दिल अब,
हर किसी सूं दूरी राखे।
4.
हर दिन मुस्कान ओढ़ ली,
ताकि सवाल कोनी आवे।
दर्द तो अंदर ही रहे,
पर दुनिया ने हँसणो दिखावे।
5.
ज़्यादा उम्मीद राखणो,
सबां सूं महँगो सौदो होवे।
जितनी ज़्यादा आस,
उतनी गहरी चोट होवे।
6.
ज़िंदगी री चाल समझण में,
उम्र बीत जावे है।
फेर समझ आवे है,
हर किसी ने अपना मतलब।
7.
दिल हर वार माफ कर देवे,
पर भूलण अब सीख गयो।
क्यूंकि हर माफी के बाद,
दर्द और गहरो हो गयो।
8.
जो कदे समझायो कोनी,
वो ही नसीहत देवे है।
और जो सब सह जावे,
उसे कमजोर कह जावे।
9.
रातां नींद कोनी आवे,
सोच घणी सतावे।
दिनां में हँसणो पड़े,
ताकि कोई हाल कोनी पूछे।
10.
दिल अब सवाल कोनी करे,
जवाब सूं थक गयो है।
खामोशी अपनाई है,
क्यूंकि शोर बहुत देख गयो है।
11.
सबां ने खुश राखण में,
खुदां ने भूल गयो।
अब सीख गयो हूँ,
हर किसी खातिर खुद को कोनी खोणो।
12.
रिश्तां री भीड़ में,
इंसान अकेलो पड़ जावे।
जब मतलब पूरा हो जावे,
तब सब रास्तो बदल जावे।
13.
ज़िंदगी ने सिखायो,
हर कोई अपना कोनी।
कुछ लोग बस,
वक्त काटण खातर आवे।
14.
सबर रो फल मीठो होवे,
ए सब कहे है।
पर सबर करण वालो,
कितनो टूटे — ए कोई कोनी पूछे।
15.
इज़्ज़त जिणां ने कमाई,
उणां ने शोर कोनी मचायो।
जो दिखावे में जीवे,
उणां ने ही खुद खो दियो।
16.
दिल थक गयो समझावण में,
अब बस देखे है।
कौन साथ चालै,
कौन रास्ता बदले है।
17.
हर वार भरोसो कर्यो,
हर वार सबक मिल्यो।
अब भरोसो भी सोच-समझकर,
थोड़ो-थोड़ो कर्यो जावे।
18.
ज़िंदगी ने मौका कदे कदे,
देर सूं देवे है।
पर जो इंतज़ार कर जावे,
वो ही खुद ने पा लेवे।
19.
लोग पूछे हाल,
पर सुनण कोनी चाहे।
इसलिए दिल अब,
खामोशी में ही ठीक लागे।
20.
टूटण सूं डर लागे,
ए जरूरी कोनी।
कइयां वार टूटकर ही,
असली ताकत जागे।
21.
जो खुद सूं खुश हो जावे,
उसे दुनिया कम सतावे।
और जो हर किसी ने चाहे,
वो अंदर सूं टूट जावे।
22.
ज़िंदगी री लड़ाई,
अकेली ही लड़णी पड़े।
साथ तो सब देवे है,
जब जीत सामने खड़ी होवे।
23.
खामोशी अब आदत बन गई,
शिकायत छूट गई।
क्यूंकि हर बार बोलण से,
उम्मीद और टूट गई।
24.
रिश्तां में साफ दिल राख्यो,
पर लोग समझे कोनी।
अब दिल भी कहे है,
हर सच हर किसी खातर कोनी।
25.
जो बीत गयो,
उसे याद बनण दे।
हर दर्द ने,
सबक समझण दे।
26.
ज़िंदगी हर दिन परखे है,
कितनो मजबूत है तू।
जो चुपचाप सह जावे,
वही असली योद्धा होवे।
27.
दिल अब कम लोगों सूं लागे,
पर साच लागे।
भीड़ां सूं दूर रहकर,
अब सुकून जागे।
28.
हर किसी ने साथ दियो,
पर अपने मतलब सूं।
अब खुदां ने संभाळ्यो,
खुदां री ताकत सूं।
29.
उम्मीद थोड़ो राखो,
पर खुद पर पूरा।
दुनिया बदल जावे है,
जब इंसान खुद बदले पूरा।
30.
ज़िंदगी ने बहुत कुछ छीण्यो,
पर जीणो भी सिखायो।
जो सह गयो खामोशी में,
वही खुद ने पा गयो।
🌄 Conclusion (निष्कर्ष)
राजस्थानी शायरी
दिखावे के लिए नहीं होती,
ये उन दिलों की आवाज़ होती है
जो चुप रहकर भी
सब कुछ कह जाते हैं।
अगर इन शायरियों में
आपको अपनी कहानी दिखी —
तो समझ लीजिए
आप अकेले नहीं हैं 🌾